5 Simple Statements About sidh kunjika Explained
5 Simple Statements About sidh kunjika Explained
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति।।
देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्।
चाय वाले को बनाया पिता और टेस्ट ड्राइव के बहाने उड़ाई बाइक, आगरा में शातिर चोर का गजब कारनामा
अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम् ॥ ३ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
श्री मनसा देवी स्तोत्रम् (महेंद्र कृतम्)
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि।
ग्रहों के अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं. धन लाभ, विद्या अर्जन, शत्रु पर विजय, नौकरी में पदोन्नति, अच्छी सेहत, कर्ज से मुक्ति, यश-बल में बढ़ोत्तरी की इच्छा पूर्ण here होती है.